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नाइन ऑफ कप्स

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अपराईट भविष्य कथन का महत्व



शारीरिक भलाई, आशाएं, सुरक्षा, संतोष, संतुष्टि, कृतज्ञता, इच्छा पूरी होती है।

इस कार्ड में दर्शाया गृहस्थ प्रहस्त है, जो रावण का सेनापति था। जिसने तीनो लोक को जीतने में रावण की मदद की थी। आपके लिए अच्छा समाचार है, आपका शरीर सौ प्रतिशत शारीरिक भलाई के साथ सुदृढ है। जीवन में अनेक आशाएं निर्माण हो रही है। सम्पूर्ण सुरक्षा, संतोष, संतुष्टि हो रही है। अच्छा लग रहा है। हमेशा परम ईश्वर की कृतज्ञता के साथ आपकी हर इच्छा पूरी होती है, यह आप जानते है।

रिवर्स भविष्य कथन



बीमारी, विफलता, अतिभोग, आंतरिक खुशी, भौतिकवाद, असंतोष, भोग।

सम्पूर्ण सेहत के बावजूद बीच में बीमारी आना यह प्रकृति का नियम है। किसी भी प्रकार के विफलता से आप निराश नहीं होते। फिरसे प्रयत्न करते हैं। आप कभी अतिभोग के पीछे नहीं जाते। आंतरिक खुशी, भौतिकवाद यह दो कारण है के लोग आपको कामयाब मानते हैं। किंतु आपको मन के भीतर अपने ही आप के लिए एक असंतोष है जिसके कारण भगवान को भोग चढाने से आपको अच्छा लगता है।

युरोपिय टैरो कार्ड अभ्यास वस्तु



एक आदमी भारतीय लाल पगड़ी पहने हुए है। सफेद कपडो पर काली tarot.ideazunlimited.net.pagadi



धारियों की ड्रेस पहने हुए है । पश्चिमी संस्कृति में पगड़ी पहनने का फैशन नहीं है। वह हाथ बांधकर लकड़ी की बेंच पर बैठा है। उसने अपने प्यालों को रखने के लिए आधा गोल घेरा जैसा नीला पर्दा बनाया है, आकाश और जमीन पीली है।

प्राचीन भारतीय टैरो कार्ड अभ्यास वस्तु


भारतीय पगड़ी पहने एक आदमी गहरी सोच में डूबा हुआ है। वह अपने महल में बैठा है।नौ कलश नव ग्रह की शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं, यानी गैलेक्सी के नौ ग्रह।ज्योतिष में नौ ग्रहों का अत्यधिक महत्व है।यह रावण की माता कैकाशी के भाई प्रहस्थ हैं।प्रहस्त को रावण ने सेनापति नियुक्त किया था। वह यम, कुबेर , देवों और असुरों और दैत्यों के खिलाफ युद्धों में उसने रावण की सेना का नेतृत्व किया था। वह इतना शक्तिशाली था कि उसने सभी नौ ग्रहों, पर विजय प्राप्त कर ली थी।

जीवन के अंत तक वह रावण के साथ खड़ा रहा।(प्रहस्त की कहानी )प्रहस्त लंका के राजा रावण का वीर सेनापति था। युद्ध में अकम्पन की मृत्यु हो जाने के बाद रावण ने अपने वीर सेनापति प्रहस्त को युद्ध के लिए भेजा था। प्रहस्त ने राम की वानर सेना के साथ बड़ा ही भयंकर युद्ध किया। उसकी राक्षस सेना ने एक बार के लिए वानरों को भी भयभीत कर दिया। इस समय असंख्य वानर वीर वीरगति को प्राप्त हुए। वानर सेनापति नील और प्रहस्त का युद्ध भी बहुत भयंकर था। अकम्पन की मृत्यु से रावण को भारी आघात पहुँचा था। रात्रि को वह शान्ति से विश्राम भी न कर सका। दूसरे दिन उसने मन्त्रियों को बुलाकर कहा, "वानरों की सेना हमारी कल्पना से भी अधिक शक्तिशाली और पराक्रमी सिद्ध हुई है। पिछले चार दिनों में हमारी बहुत सी सेना मारी जा चुकी है। सैनिकों का मनोबल टूटने लगा है। नागरिकों को शत्रु के घेरे के कारण बाहर से उपलब्ध होने वाली खाद्य सामग्री प्राप्त नहीं हो रही है। वे अत्यन्त दुःखी हो रहे हैं।

चार दिन के युद्ध को देखकर मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा हूँ कि शत्रु पर विजय प्राप्त करना साधारण राक्षसों के लिये सम्भव नहीं है। इसलिये हे वीर प्रहस्त! मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि शत्रु को परास्त करने के लिये कुम्भकर्ण, मेघनाद, तुम्हें अथवा मुझे ही आगे आना पड़ेगा। अतः आज युद्ध का नेतृत्व तुम करो। तुम युद्ध कला विशारद हो। ये वानर चंचल और वीर तो हैं, परन्तु प्रशिक्षित नहीं हैं। तुम युद्ध नीति से उन पर विजय प्राप्त कर सकते हो। इसलिये हे वीर! तुम शीघ्र जाकर राम-लक्ष्मण सहित समस्त शत्रुओं का संहार कर मुझे निश्चिं त करो।

स्वयं पर रावण का इतना विश्वा्स देखकर प्रहस्त ने कहा, "आज मैं अपने अतुल पराक्रम से शत्रु सेना का विनाश करके आप को निश्चिंहत कर दूँगा। आज मेरे कृपाण के शौर्य से मैं रणचण्डी को प्रसन्न करके चील, कौवों, गीदड़ों आदि को शत्रु का माँस खिलाकर तृप्त करूँगा।" इतना कहकर वह भयानक राक्षसों की सेना को लेकर युद्ध स्थल की ओर चल दिया। प्रहस्त को दल-बल के साथ आते देख श्रीराम ने विभीषण से पूछा- "यह विशाल देह वाला सेनापति कौन है?" विभीषण ने उत्तर दिया- "हे रघुकुलतिलक! यह रावण का मन्त्री और वीर सेनापति प्रहस्त है। लंका की सेना का तीसरा भाग इसके अधिकार में है। यह बड़ा बलवान, पराक्रमी तथा युद्धकला विशारद है।" यह सुनकर श्रीराम ने सुग्रीव से कहा- "हे वानराधिपति! ऐसा प्रतीत होता है कि रावण को इस पर बहुत विश्वामस है। तुम इसे मारकर रावण का विश्वातस भंग करो। इसके मरने पर रावण का मनोबल गिर जायेगा।"घनघोर युद्धा में नील ने एक बड़ी सी शिला उठाकर प्रहस्त के सिर पर दे मारी, जिससे उसका सिर फट गया।





प्राचीन भारतीय टैरो कार्ड

द फूल

द मैजिशियन

द हाई प्रिस्टेस

द एम्प्रेस

द एम्परर

द हेरोफंट

द लवर्स

द चैरीओट

द स्ट्रेंग्थ

द हरमिट

द व्हील ऑफ फॉर्चून

जस्टिस

द हैंग्ड मैन

द डेथ

टेम्परंस

द डेविल

द टावर

द स्टार

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